राम जन्मभूमि से मिली प्राचीन मूर्तियां और अवशेष इस्लाम के हिंसक और विध्वंसकारी होने का सबूत। कई और मस्ज़िदों के नीचे हो सकते हैं मन्दिर।

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दिल्ली (अश्विनि भाटिया)।अयोध्या में राम जन्मभूमि के समतलीकरण के दौरान जमीन के अंदर से बड़ी संख्या में मन्दिर के अवशेष ,देवी – देवताओं की मूर्तियों सहित कई ऐसे प्राचीन वस्तुएं निकली हैं जिनसे यह प्रमाणित होता है कि यहां मन्दिर था।

जमीन के अंदर से मिल रहे मन्दिर के इन प्राचीन अवशेषों से यह बात प्रमाणित हो रही है कि मुस्लिम आक्रांताओं ने मध्य काल में बहुत से मंदिरों को तोड़कर ही उन पर अपनी मस्जिद बना दी। यह इस बात का भी प्रमाण है कि इस्लाम दूसरे धर्म के पूजा स्थलों का विध्वंस अपने जन्म काल से ही करता आया है और ऐसा करने को इसके अनुयायी अपना मजहबी अधिकार मानते है। मन्दिर के इन अवशेषों के मिलने से तो इस संभावना को और बल मिल रहा है कि देश में और भी कई ऐसी बड़ी मस्जिदें हैं जो किसी न किसी मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई हो सकती हैं। हिन्दू धर्म के लोगों की इस बात को भी प्रबल समर्थन मिलता है कि दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा का ताज महल और अन्य कई स्थानों पर बनी मस्जिदों के नीचे हिन्दू देव स्थान है जिनको मुस्लिम आक्रांताओं ने तोड़ कर अपना मजहबी जनून पूरा किया। यह प्रमाण उन कट्टर मुल्लों और कथित सेक्युलरवादियों के मुंह पर भी कड़ा तमाचा है जो इस्लाम को प्रेम और भाईचारे का मजहब मानते हैं। इस्लाम तो पूरे विश्व में फैला ही हिंसा और खून -खराबा करके है। इस्लाम को न मानने वालों को मारना, लूटना, उनकी महिलाओं की आबरू लूटना और उनके पूजा घरों को ध्वस्त करना उनके लिए सबाब का काम है और इस बात की इजाजत उनका मजहब उनको देता है। ऐसा ही घिनौना कृत्य मध्यकाल में भारत में बहुत बड़ी मात्रा में किया गया। इस्लाम के वीभत्स चेहरे को पूरी दुनिया ने1947 में भारत के विभाजन और पाकिस्तान के जन्म के समय भी देखा। बाद में कश्मीर के हिन्दू पंडितों के साथ भी मुस्लिमों ने वही सब किया जिसको उनके मजहब के लोग पहले से करते आ रहे थे। आज भी इस को पाकिस्तान में देखा जा रहा है कि इन मजहबी लोगों का गैर मुस्लिमों के साथ कितना हिंसक और वहशी बर्ताव किया जा रहा है। इस्लाम के नाम पर भारत में आज भी जहां कहीं मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है वहां यही कृत्य किया जाता है। अब तो हिन्दुओं की इस बात में भी सच्चाई दिखाई देने लगी है कि मुस्लिमों की मक्का में स्थित सबसे बड़ी इबादतगाह काबा को भी देवस्थान को तोड़कर ही बनाया गया है। अगर ऐसा नहीं है तो क्यों गैर मुस्लिमों के वहां जाने पर रोक लगी है?

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