देश विभाजन और लाखों लोगों की हत्या के जिम्मेदार गांधी-नेहरू और जिन्ना को हम कभी माफ नहीं करेंगे। -अश्विनी भाटिया आज 15 अगस्त है।आज से 74 वर्ष पूर्व जहां भारत को अंग्रेजी साम्राज्य से मुक्ति मिली,वहीं भारत को विभाजन का दर्द भी मिला।

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देश को धार्मिक हिन्दूमुस्लिम आधार पर दो टुकड़ों में विभाजित करवाने के जिम्मेदार नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना को जहां राजसत्ता मिली वहीं करोड़ों लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बन जाने कीअंतहीन पीड़ा मिली। जहां भारत को विदेशी शासन से मुक्त होने की खुशी तो मिली परंतु,देश को विभाजन का दर्द भी मिला।उस समय कांग्रेस के नेता सत्ता पाने की लालसा में इतने स्वार्थी हो गए थे कि उन्होंने देश के विभाजन के पाप को भी कर डाला। भारत के विभाजन के दोषी कांग्रेस, गांधी,नेहरू और जिन्ना ही माने जाएंगे।विभाजन के कारण करोड़ों लोगों को अपनी जन्मभूमि को छोड़ने को मजबूर कर दिया गया।

जेहादियों ने हजारों लड़कियों की अस्मत को लूटा और उनकी हत्या भी कर डाली।विभाजन की आग में लगभग 15 लाख निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। यह आजादी लाखों लोगों के खून से रंगकर आईं ।कांग्रेस ने विभाजन के महापाप के साथ -साथ अपनी सत्ता को आज़ादी के बाद भी चिरकाल तक बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में मुसलमानों को पाकिस्तान भेजने की बजाए भारत में ही रोक कर, हमेशा के लिए नासूर पैदा कर दिया। इसी के साथ ही मुस्लिमों को अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति को अपनाकर देश का बहुत नुकसान किया।जिन आभागे परिवारों ने इस आजादी के कारण अपने सगे -संबंधियों की हत्या को अपनी आंखों के सामने देखा और हंसते-खेलते अपनेपरिवारों को उजड़ते देखा हो वह कैसे इस दिन को जश्न के रूप में मना सकते हैं ? करोड़ों लोगों को अपने घर -बार छोड़कर अपने ही देश में शरणार्थी बनने का दंश सहना पड़ा,वो इस दिन को कैसे खुशी का दिन माने। देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार नेहरू – जिन्ना भारत /पाकिस्तान के मसीहा और भाग्यविधाता बन गए। अब यह सोचने का विषय है कि ऐसे सत्तालोलूप नेहरू ने, जिसने सत्ता पाने की लालसा के कारण देश का बंटवारा करवाया, हम कैसे उसको शांतिदूत और आधुनिक भारत का निर्माता मान लें? शुकर! इस बात का है कि मोदी सरकार को भी अपनी सरकार के सात वर्ष बीत जाने के बाद ही सही बंटवारे में मारे गए लोगों की याद तो आई औरउसने 14अगस्त को विभाजन में मारे गए लोगों की याद में स्मृति दिवस मनाने का संकल्प लिया।अन्यथा आजादी मिलने के  सात दशक बीत जाने के बाद भी उन लाखों आभागों की याद तो  किसी भी दल की सरकार को नहीं आई ,जिनको 1947 में इस्लामिक जिहादियों ने कत्ल कर दिया था।हमारे पूर्वजों ने अपनी मातृभूमि से अलग होकर जो पीड़ा सहन की उसका एहसास हमें है।मैने अपने पिता के मन मस्तिष्क में विस्थापन की पीड़ा जो उनको अपने जीवन के अंतिम समय तक सालती रही,वह तड़प मेरे दिल को आज भी बेचैन किए हुए है कि हमें हिन्दू होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। कांग्रेस की सत्ता पाने की लालसा ने देश को तो टुकड़ों में बांट दिया। विभाजन के मुख्य खलनायक गांधी,नेहरू और जिन्ना की तिकड़ी को भी हम और हमारे जैसे करोड़ों लोग कभी माफ नहीं करेंगे। हम तो हम हमारी आनेवाली भावी पीढियां भी हजारों सालों तक अपने पुरखों से छीनी गई उनकी मातृभूमि, नेहरू गांधी और जिन्ना की सत्ता हथियाने की करतूतऔर इस्लामिक जेहादियों के पाशविक वृति को कभी नहीं भूल सकते। हमारा सैंकड़ों सदियों तक भी अपने पुरखों की मातृभूमि को वापिस पाने का प्रयास जारी रहेगा। हम विभाजन की त्रासदी में मारे गए बेकसूर लाखों लोगों को अपनीअश्रुभरी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। (वॉयस ऑफ भारत)

 

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