दिल्ली (अश्विनी भाटिया)/गत फ़रवरी माह में देश की राजधानी दिल्ली में हुए दंगों के लिए जांच एजेंसियों ने निगम पार्षद ताहिर हुसैन को मास्टर माइंड ठहराते हुए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इन दंगों की साज़िश के मुख्य अभियुक्त ताहिर हुसैन अभी जेल में बंद हैं और उसकी कई गंभीर आपराधिक कृत्यों में संलिप्तता के प्रमाण जांच के दौरान जांच करनेवाली एजेंसियों को मिले हैं। इस बात का जवाब केजरीवाल को भी देना चाहिए कि उन्हीं की पार्टी का निगम पार्षद ताहिर हुसैन दंगों के आरोप में जेल में है और उनका विधायक अमानतुल्लाह दंगाई के पक्ष में बेतुकी बयानबाजी करके दिल्ली का माहौल खराब कैसे कर रहा है? ज्ञात हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में हुए इन सुनियोजित दंगों में करोड़ों रुपए की चल-अचल सम्पत्ति को दंगाइयों ने जलाकर राख कर दिया था। इन दंगों में कई लोग मारे गए और बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अब जब जांच एजेंसियों द्वारा कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करके इन दंगों में ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी पाया है तो ओखला से आम आदमी पार्टी का विधायक अमनातुल्लाह खुलकर ताहिर के पक्ष में बयानबाजी करके कानून को चुनौती दे रहा है। सबसे अफसोस जनक पहलू यह है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इन पर चुप्पी साधे बैठे हैं। ताहिर हुसैन को खुला समर्थन देकर अमानातुल्लह कह रहा है कि ताहिर हुसैन का कसूर सिर्फ उसका मुस्लिम होना है। उत्तर पूर्वी जिले में साज़िश के तहत करवाए गए इन दंगों में दंगाइयों ने करोड़ों रुपए की चल- अचल संपत्ति को तो जलाकर राख कर ही दिया गया साथ ही कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। दंगों में दिल्ली पुलिस के एक हैड कांस्टेबल और आई बी के एक अधिकारी अंकित शर्मा को भी मार दिया गया था। शाहदरा के पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा भी दंगाईयों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दिल्ली में दंगों की सुनयोजित साजिश और इनको अंजाम तक पहुंचाने में मुख्य किरदार आप पार्टी के स्थानीय निगम पार्षद ने ही निभाया था। यह सब तथ्य जांच एजेंसियों ने अपनी जांच में पाए हैं। दंगों के समय इसी क्षेत्र में स्थित ताहिर हुसैन की फैक्ट्री में बड़ी संख्या में दंगाई रुके हुए थे और इसकी छत से इन दंगाइयों ने आस- पास रहने वाले दूसरे समुदाय के लोगों के घरों पर पेट्रोल बम फेंक कर भीषण आगजनी की थी। इसमें ताहिर हुसैन स्वयं भी शामिल रहा। पुलिस ने दंगों के दौरान ही ताहिर को गिरफ्तार कर लिया था और उसकी फैक्ट्री की छत से दंगे में प्रयोग किए गए बम सहित अन्य सामग्री भी बरामद की थी। इस तरह से यह बात तो साबित हो रही है कि स्वयं को सबसे पाक- साफ राजनेता बताने वाले कलयुगी अवतार अरविन्द केजरीवाल की भूमिका भी निष्पक्ष नहीं है।इन दंगों के लिए उनका अपनी पार्टी के दोषी लोगों को लेकर रुख संदिग्ध है। किसी भी अपराधी को मुस्लिम होने के कारण कैसे अपराध करने का प्रमाण पत्र दिया जा सकता है। किसी आरोपी को समर्थन देने वाले पर केजरीवाल के मौन धारण करने का अर्थ तो यही हो सकता है कि अमनातुल्लाह अपने नेता केजरी की प्रेरणा से ही इस बेतुके बयानों से देश का सांप्रदायिक सदभाव खराब कर रहा है। इसके विरुद्ध भी सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे अन्यथा इसके दूरगामी दुषपरिणाम हो सकते हैं। |