शाहदरा [ सजगवार्ता ] पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अभियंताओं और अधिकारियों की खुली लूट के आगे जहां जनता विवश है वहीं निगम पार्षद नत मस्तक हुए पड़े हैं। इस स्थानीय निकाय के अंतर्गत शाहदरा उत्तरी और शाहदरा दक्षिणी जोन आते हैं और दोनों ही जोनो में कार्यरत अधिकारी मालामाल हैं जबकि दूसरी और सरकारी कोष में सफाई कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त धन न होने का रोना लगातार रोया जा रहा है।
नगर निगम के मलाईदार विभागों में सबसे ऊपर नाम भवन विभाग का आता है। इस विभाग में कार्यरत अधिकांश अभियंता तो करोड़ों रूपये की चल –अचल सम्पत्ति के स्वामी हैं ही इसके अलावा जो कर्मचारी अवैध रूप से वभवन बेलदार बनकर इलाकों में होनेवाले भवनों से उगाही का काम करते हैं वह भी करोड़ों की सम्पत्ति के स्वामी बन चुके हैं। बताया जाता है कि उगाही के काम के लिए अधिकारियों ने निगम के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं जिनमें –चौकीदार ,बेलदार ,नाला बेलदार ,मैट और कुछ सफाई कर्मी रखे हुए हैं।इनमें से कई तो ऐसे हैं जो पिछले कई वर्षों से उगाही का काम करके करोड़ों –अरबों की चल –अचल ,नामी –बेनामी सम्पत्ति के स्वामी बताये जाते हैं। जानकर सूत्रों का कहना है कि अगर सीबीआई से इन बेलदारों और अभियंताओं की जाँच करवाई जाये तो चौकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं। कई उगाही करनेवालों ने दिल्ली /एनसीआर /उत्तराखंड / राजस्थान और यूपी में सम्पत्तियाँ खरीदी हुयी हैं। बताया तो यह भी जाता है कि कई बेलदारों और अभियंताओं ने पैट्रोल पम्प /कृषि फार्म्स /होटल तक बना रखे हैं और यह साडी सम्न्नता इन्होने बिल्डर माफिया के साथ सांठ –गांठ करके पाई है। इस गोरखधंधे में निगम के उच्च अधिकारी और सत्ता के शीर्ष सोपानों पर बैठे पूर्व और वर्तमान जनप्रीतिनिधि बराबर के भागीदार बताये जाते हैं। इसीलिए सब कुछ जानते हुए भी इस अवैध उगाही को रोकने के लिए कोई भी ईच्छुक दिखाई नहीं देता।
शाहदरा वार्ड में बिल्डरों से उगाही का काम पिछले कई वर्षों से सुरेंद्र कुमार नाम का सफाई कर्मी करता है। इसकी डियूटी गीता कालोनी पुश्ते पर बताई जाती है। इस वार्ड से कई अभिनता आये और चले गए पर सुरेंद्र को कोई नहीं हटा स्का। अब वार्ड में तैनात कनिष्ठ अभियंता गोपाल लाल मीणा का भी सुरेंद्र खासमखास बना हुआ है। मजेदार बात यह है कि मीणा इसकी सेवा से इतना खुश है कि वो सुरेंद्र को अपने अधीनस्थ दूसरे वार्डों से भी उगाही का काम ले रहा है जिसमें विश्वास नगर वार्ड भी शामिल है। एक सौ गज के एक लेंटर का सुविधा शुल्क पचास हजार से लेकर अस्सी हज़ार तक बताया जा रहा है। जो गरीब आदमी अपने उपयोग के लिए भी छोटा –मोटा निर्माण भी कर ले तो उसको निर्माण तोड़ने की धमकी देकर पैसा वसूल किया जा रहा है। इस वार्ड से पार्षद निर्मल जैन जो कि शाहदरा दक्षिणी जोनल कमेटी के चेयरमैन भी हैं उनकी जानकारी में यह सब है परन्तु न जाने किस कारण वो भी इसको गंभीरता से नहीं ले रहे। सजगवार्ता प्रतिनिधि ने उनसे इस बारे में पूछा कि सुरेन्द्र किस अधिकार से उनके वार्ड से उगाही करता है तो उन्होंने बड़ा अटपटा सा जवाब दिया की उनकी कोई सुनता ही नहीं है। सवाल यह उठता है कि जब उनकी कोई सुनता ही नहीं है तो वो चेयरमैन की कुर्सी पर क्यों जमे हुए हैं ?
अब गीता कालोनी वार्ड की बात करते हैं। इस वार्ड से पार्षद नीमा भगत जी हैं और वह पहले भी इसी वार्ड की पार्षद रही हैं। निगम की समस्त कार्यप्रणाली को भलि भांति समझती हैं। सौभाग्य से वो अब पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी हैं। इनके वार्ड में कई वर्षों से महेश कुमार नाम का बेलदार उगाही का काम क्र रहा है और यह भी करोड़ों रूपये की चल –अचल सम्पत्ति का स्वामी बताया जाता है। इसकी ड्यूटी शाहदरा नार्थ जोन की किसी मेंट्नस डिवीजन में बताई जाती है। इसके बारे में सारी जानकारी मेयर महोदया को भी है परन्तु वो भी महेश को हटाने में या तो नाकाम हैं या उनकी सहमति है क्योंकि इसके बारे में इस प्रतिनिधि ने कई दिन पहले बताया था और उन्होंने इस मामले को देखने की बात भी कही थी ,लेकिन महेशजस का तस बना हुआ है और बेखौफ होकर बिल्डिंगों से उगाही कर रहा है।
साऊथ अनारकली वार्ड में उमेश नाम का बेलदार उगाही के काम को करने में जुटा हुआ है। उमेश की ड्यूटी शाहदरा साऊथ की ऍम -1 डिवीजन में है और यह अपनी हाजरी लगाकर साऊथ अनारकली वार्ड में बनने वाली बिल्डिंगों से उगाही का काम करता है। इसके बारे में जब ऍम -1 डिवीजन के अधिशाषी अभियंता गगन ख़न्ना से सजगवार्ता प्रतिनिधि ने पूछा तो पहले उन्होंने यह कह दिया कि उनको पता ही नहीं कि उमेश उनकी डिवीजन का कर्मचारी है। फिर कहा कि अगर ऐसा है तो वो इस पर एक्शन लेंगे। आश्चर्य की बात यह है कि उमेश के विरुद्ध अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ। उसके द्वारा उगाही का काम इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक किया जा रहा है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सभी वार्डस में बिल्डर माफिया पूरी तरह से सक्रिय है और हर वार्ड में बिल्डिंगों से उगाही के काम को अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के संरक्षण में सभी नियमों -कानूनों को ताक पर रखकर अवैध बेलदारों से करवाने का गौरखधंधा चलाया जा रहा है। भ्रष्टाचार के इस हमाम में सभी नंगे दिखाई देते प्रतीत हो रहे हैं और ऐसा लगता है कि सारा काम भागीदारी योजना के तहत करोड़ों रूपये की अवैध उगाही का काम निरंतर जारी है।